Khilafat o Mulukiyat - introduction
ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत - परिचय
خلافت و ملوکیت - تعارف
किताब ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत पाकिस्तान के प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान्, दार्शनिक तथा कुरआन के अनुवादक व टीकाकार मौलाना अबुल आला मौदूदी द्वारा 1966 ई० में लिखी गई थी. इस किताब में 'ख़िलाफ़त' के 'राजशाही' में परिवर्तन होने के सम्बंध में इस्लामी किताबों के द्वारा तर्कपूर्ण रूप से चर्चा की गई है.
किताब के प्रकाशित होते ही आलोचना, खण्डन तथा विरोध का माहौल बन गया. इस किताब के विरोध तथा पक्ष में कई किताबें व लेख लिखे गए. जिस की चर्चा आगे की जायेगी.
यह किताब मूल रूप से उर्दू भाषा में लिखी गई थी, जिसका अंग्रेजी अनुवाद तारिक जान द्वारा किया गया . परन्तु हिंदी अनुवाद अभी तक प्रकाशित नहीं हो पाया है. जिस कारण से हिंदी भाषी पाठकों तक इस किताब की पहुँच नहीं बन पाई. इसी क्रम में फ़रीद अहमद द्वारा इस किताब का सरल हिंदी अनुवाद का प्रयास किया जा रहा है. जिसकों Tarjumaan के माध्यम से किश्तवार प्रकाशित किया जाएगा.
ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत के परिचय के सिलसिले में हम सबसे पहले किताब के लेखक मौलाना अबुल आला मौदूदी का संक्षिप्त जीवन परिचय व दीनी खिदमात पर एक नज़र डालेंगे. ताकि पाठक लेखक से रूबरू हो सकें
मौलाना अबुल आला मौदूदी.
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मौलाना अबुल आला मौदूदी |
प्रसिद्ध उर्दू शायर व दार्शनिक सर मुहम्मद इकबाल के मशवरे पर आप पकिस्तान चले गए.1941ई० में आपने जमात ए इस्लामी पाकिस्तान की स्थापना की. जिसकी भारत में जमात ए इस्लामी हिन्द नाम से शाखा कार्यरत है.
लेखन का प्रारम्भ समाचार पत्र से किया तथा कई पत्र व पत्रिकाओं से जुड़ें रहें. 1941 ई० से 1967 ई० तक चार बार आपको सज़ाएँ हुए और कारावास का दण्ड भुगता पड़ा. 1953 ई० में आपके द्वारा लिखित पुस्तक कादयानी मसला पर फौजी अज़द्लत में मुक़दमा चलाया गया जिसके फ़ैसले में आपको मृत्यु दण्ड की सज़ा दी गई. बाद में मृत्यु दण्ड को आजीवन कारावास में परिवर्तन कर दिया गया. आपने कई इस्लामी व राजनितिक आन्दोलनों में अपनी एहम भूमिका निभाई.
22 सितम्बर 1979 ई० को न्यूयार्क में आपका निधन हो गया.
किताबें-
मौलाना अबुल आला मौदूदी ने 100 से अधिक किताबें लिखीं. लगभग 40 भाषाओँ में आपकी कई किताबों का अनुवाद भी किया जा चुका है . प्रमुख किताबों में -
- तर्जुमा कुरआन
- ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत
- तहरीक आज़ादी हिन्द और मुसलमान
- तफ्हीमात
- सूद
- कादयानी मसला
- पर्दा
- जिहाद
- इस्लाम तहजीब और उसके उसूल...
- इस्लामी रियासत
- इस्लामी निजाम
सम्मान व पुरस्कार
- 1979 ई० में इस्लाम के प्रति आपकी सेवा के लिए सऊदी अरब में, किंग फैसल इंटरनेशनल पुरस्कार दिया गया.
- मौलाना मौदूदी इतिहास में ऐसे दूसरे व्यक्ति हैं जिनकी गायबाना नमाज़ ए ज़नाजा काबा में पढ़ाई गई. नमाज़ में सऊदी किंग अश्म इब्र भी उपस्थित थे.
ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत - परिचय
ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत का विषय इस्लामी ख़िलाफ़त और राजशाही है. जिसमें मौलाना मौदूदी ने इस्लामी खिलाफत को राजशाही में परिवर्तन होने के सम्बंध में वस्तृत रूप से इस्लामी किताबों के सन्दर्भ में वरण कियां है.
किताब के प्रकाशित होते ही कई मुस्लिम विद्वानों द्वारा आपत्तियां दर्ज़ कराई गईं, विरोध भी हुए, और कई आलोचनात्मक लेख तथा पुस्तकें भी लिखी गईं. विरोध के साथ ही साथ इस किताब के पक्ष में भी कई मुस्लिम विद्वानों द्वारा इसका समर्थन किया गया और कई लेख व किताबों के मध्यम से इस किताब पर लगाईं गईं आपत्तियों का जवाब भी दिया गया है.
विरोध में लिखी गईं किताबों में मुख्यत:-
पक्ष में लिखी गईं किताबों में मुख्यता:-
- ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत का एतराजात और तज्ज़िया- न्यायधीश मालिक गुलाम अली
- ताज़ल्लियत ए सहाबा -अमीर उस्मानी (700 पृष्ठों पर लिखी गई वृहद् किताब)
ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत - की सूची
किताब ख़िलाफ़त ओ मुलूकिय्यत में कुल 9 अध्याय हैं-
- कुरआन की सियासी तालीमात
- इस्लाम के उसूल हुक्मरानी
- ख़िलाफ़त राशिदा और उसकी ख़ुसूसियात
- ख़िलाफ़त राशिदा से मुलूकिय्यत तक
- ख़िलाफ़त और मुलूकिय्यत का फ़र्क
- मुसलामानों में मज़हबी इख्तलाफात की इब्तिदा और और असबाब
- इमाम अबु हनीफ़ा का कारनामा
- ख़िलाफ़त और उसके मुताल्लिक मसाइल में इमाम अबु हनीफ़ा का मसलक
- इमाम युसुफ और उनका काम
उपरोक्त सभी 9 अध्याय का हिंदी लिप्यंतरण किश्तवार प्रकाशित किया जाएगा..........
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